खबर वाहिनी ब्यूरो (संग्राम सिंह राणा, अधिवक्ता)
11 जून 2024 : कल दिल्ली मे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री की शपथ के साथ अपने मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई, मन्त्रीमंडल के गठन से स्पष्ट दिखाई दे रहा है की जैसे विपक्षी पार्टियां TDP व JDU जैसे दलो के बारे मे भ्रामक प्रचार करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को लंगड़ी सरकार कहने की कोशिश कर रहे थे वैसा कुछ नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी दबाव के अगले पांच साल देश को विकास की नई ऊंचाइयों की तरफ लेकर जायेंगे, केंद्रीय मन्त्रीमण्डल के गठन मे सभी जातियो और वर्गो का ध्यान रखा गया है, युवा और अनुभव का समावेश मन्त्रीमण्डल के गठन मे साफ दिखाई दे रहा है, लोकसभा चुनावो मे राजपूत समाज की नाराजगी को ध्यान मे रखते हुए राजपूत समाज को संतुष्ट करने के लिए 6 केंद्रीय मंत्री बनाये गये है.
हरियाणा मे अक्टूबर मे होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के मध्येनजर जाट और गैर जाट समीकरण साधने की पूरी कोशिश की गई है जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पंजाबी समुदाय, राव इंदरजीत अहीर समुदाय व कृष्ण पाल ग़ुज्जर समुदाय से केंद्रीय मंत्री बनाये गये है तो जाट समुदाय, जिसका NDA मे लोकसभा चुनाव मे कम प्रतिनिधित्व चुनकर आया है, को हरियाणा के विधानसभा चुनावो को साधने के लिए, हरियाणा से लगते यू पी से जयंत चौधरी और राज्यस्थान से भागीरथ चौधरी को जाट समुदाय के कोटे से केंद्रीय मन्त्रीमंडल मे जगह दी गई है, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के केंद्रीय मंत्री बनने से स्पष्ट है की अगले कुछ दिनो मे बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने वाला है जिसके साथ ही हरियाणा मे भी नए बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति होगी, हरियाणा मे विधानसभा चुनावो के मध्येनजर नए बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि लोकसभा चुनाव मे बीजेपी के संगठन की जो कमियाँ सामने आई है उन्हें विधानसभा चुनाव तक दूर करके नए मजबूत संगठन को तैयार करना आसान नहीं होगा और ये काम केवल वही नेता कर सकता है जिसे संगठन चलाने का जमीनी स्तर तक का अनुभव हो और जो विधानसभा चुनावो तक भाजपा के संगठन को नई धार दे सके, हरियाणा मे भाजपा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करते वक़्त लोकसभा चुनाव के बने समीकरणो को भी ध्यान रखना होगा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर ऐसे नेता की नियुक्ति करनी होगी जिससे ना केवल भाजपा का संगठन मजबूत हो बल्कि नए प्रदेश अध्यक्ष की वजह से भाजपा को 90 हल्को मे वोटो का भी फायदा हो, लोकसभा चुनाव मे भाजपा को जाट समुदाय का वोट ना बराबर मिला है और भाजपा मे इस वक़्त ऐसा कोई जाट समुदाय का मजबूत नेता दिखाई नहीं दे रहा है जो विधानसभा चुनावो मे जाट समुदाय के वोट भूपेंद्र हुड़्डा, हुड्डा कांग्रेस व कांग्रेस से तोड़कर भाजपा को दिला सके, इस कारण इस जमीनी स्तर की सच्चाई की वजह से भाजपा का हरियाणा का नया प्रदेश अध्यक्ष जाट समुदाय से बनना मुश्किल दिखाई दे रहा है, मुख्यमंत्री, दो केंद्रीय मंत्रीयो को नियुक्त करके भाजपा हरियाणा मे पिछड़े वर्ग को साध चुकी है तो राजस्थान मे ब्राह्मण चेहरे को भाजपा मुख्यमंत्री व लोकसभा चुनावो मे दो टिकट ब्राह्मण समाज को देकर भाजपा उनके भाजपा के लिए महत्व को साबित कर चुकी है लेकिन एससी समुदाय का कोटा बीजेपी मे अभी तक खाली है जिस कारण भाजपा हरियाणा के राजनैतिक हालातो मे किसी एससी चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्त करके लोकसभा चुनावो मे मिले एससी समुदाय के वोटो मे विधानसभा चुनावो मे ओर ज्यादा इजाफा कर सकती है, हरियाणा मे भाजपा के पास सांसद कृष्ण लाल पँवार, कृष्ण बेदी, बंतो कटारिया और पूर्व सांसद डॉ अशोक तंवर आदि एससी समुदाय के नेता व चेहरे है लेकिन इनमे डॉ अशोक तंवर को छोड़कर किसी को भी संगठन चलाने का अनुभव नहीं है और डॉ अशोक तंवर को संगठन चलाने मे महारत हासिल है, इसके अलावा कांग्रेस के 6 साल प्रदेश अध्यक्ष रहने सहित पिछले कई सालो से डॉ अशोक तंवर हरियाणा के 90 हल्को की राजनीति कर रहे है जिससे 90 हल्को मे उनका व्यक्तिगत वोट बैंक व साथियो की मजबूत टीम होने के साथ साथ वे हरियाणा की राजनीति का एक बड़ा चेहरा भी है, इस कारण विधानसभा चुनाव मे हरियाणा मे इतना ज्यादा समय नहीं बचा है की भाजपा लोकसभा चुनावो से सबक लेकर बिना सोचे समझे किसी को भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंप दे और ये भी निश्चित है भाजपा को लोकसभा चुनाव की संगठन की कमियों को दूर करके ही विधानसभा चुनाव मे उतरना होगा ना तो लोकसभा चुनावो की तरह नुकसान उठाना पड़ सकता है जिसके लिए संगठन चलाने मे अनुभवी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना भाजपा के लिए जरूरी है , इस लिए अगले कुछ दिन हरियाणा मे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ साथ ही भाजपा की विधानसभा चुनाव की रणनीति निर्धारित करने वाले है और अगर भाजपा सारे जातीय समीकरण और लोकसभा चुनाव का विश्लेषण करने के बाद संगठन चलाने के अनुभवी किसी नेता को हरियाणा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करती है तो उसकी विधानसभा चुनावो मे राहे आसान हो जायेगी