The post हरियाणा भाजपा छेड़छाड़ केस में सामने आया हनीट्रैप एंगल; ब्लैकमेल कर 50 लाख की डिमांड की, महिला और अमित बिंदल समेत 6 पर मामला दर्ज first appeared on Khabar Vahini.
]]>खबर वाहिनी न्यूज ब्यूरो
हरियाणा बीजेपी चीफ मोहन लाल बडौली के खिलाफ हिमाचल कसौली में एक महिला ने होटल में रेप होने का केस दर्ज कराया था। अब इस रेप मामले में हनीट्रैप एंगल सामने आया है। पूर्व बीजेपी नेता रॉकी मित्तल की शिकायत पर पंचकूला के सेक्टर-5 थाने में आरोप लगाने वाली महिला समेत 6 पर धारा 308(2), 308(5),61, 351(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसमें अमित बिंदल का भी नाम शामिल है। इसके अलावा एफ़आईआर में 3 अज्ञात लोग हैं।
बताया जा रहा है कि, मामला दर्ज करने के साथ ही 3 की गिरफ्तारी भी कर ली गई है। साथ ही पंचकूला पुलिस मामले को लेकर आगे की छानबीन और बनती कार्रवाई करने में जुट गई है। इस मामले में एफ़आईआर की कॉपी भी सामने आई है। जिसमें सभी आरोपियों के नाम हैं। बताया गया है कि, इन्होंने हरियाणा बीजेपी चीफ मोहन लाल बडौली से 50 लाख रुपये की डिमांड की। जिसके लिए रॉकी मित्तल को माध्यम बनाया गया। ऐसा न करने पर हनीट्रैप में फंसाने की धमकी दी गई. साथ ही ब्लैकमेल करने के लिए झूठा केस बनाया गया।
रॉकी मित्तल द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस को बताया गया कि, इन आरोपियों का पूरा संगठित आपराधिक समूह है। जो नामचीन लोगों को झूठे केस की धमकी देकर और ब्लैकमेल कर पैसों की डिमांड करता है। ये उनकी एआई द्वारा फर्जी अश्लील सीडी भी तैयार करते हैं और जब लोग पैसे नहीं देते हैं तो फिर ये पुलिस में जाकर झूठी एफ़आईआर दर्ज करा देते हैं। रॉकी मित्तल ने बताया कि, आरोपियों ने मोहन लाल बडौली को दिल्ली और गोवा जैसे अन्य स्थानों पर भी जाल बिछाकर फंसाने की कोशिश की थी। लेकिन कायमाब नहीं हुए।
अमित बिंदल मास्टरमाइंड
रॉकी मित्तल ने पुलिस को जानकारी दी है कि, अमित बिंदल के राजनीतिक दबाव में यह मामला बनाया गया है। अमित बिंदल को मास्टरमाइंड बताया है। रॉकी मित्तल ने बताया कि, उन्हें बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी गई। रॉकी मित्तल ने अपने जान-माल की सुरक्षा की चिंता जताई है। मित्तल ने कहा है कि, आरोपी अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। रॉकी मित्तल ने अपनी सुरक्षा की भी मांग की है।
गौरतलब है कि, पिछले महीने जब मोहन लाल बडौली पर एफ़आईआर कॉपी सामने आई तो हड़कंप मच गया था और इससे राजनीतिक माहौल भी गर्म हुआ। बडौली के साथ-साथ एफ़आईआर में सिंगर रॉकी मित्तल का भी नाम लिया गया था। लेकिन पूरे मामले में उस समय में एक नया ट्विस्ट भी आया। दरअसल, आरोप लगाने वाली जिस महिला ने एफ़आईआर कराई, उसमें अपनी एक महिला दोस्त का नाम आई विटनेस (गवाह) के तौर पर दिया था। उस महिला गवाह ने कैमरे पर इस मामले को लेकर अलग ही कहानी बयां की।
अमित बिंदल का भी आया था बयान
इस मामले में रॉकी मित्तल ने अमित बिंदल को मास्टरमाइंड बताया है। इससे पहले रेप के इस मामले में इतना नाम उछलने और महिला गवाह के सामने आने के बाद अब अमित बिंदल ने खुद मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी सफाई दी थी। बिंदल ने कहा था कि, एफआईआर में उनका नाम नहीं है। एफआईआर की कॉपी में शिकायतकर्ता ने कहीं भी उनका नाम नहीं लिया है, उनपर लग रहे सारे आरोप बेबुनियाद हैं। बिंदल ने यह भी कहा था कि, वह मामले में सामने आई महिला गवाह को नहीं जानते हैं। इसके अलावा आरोप लगाने वाली जो महिला है, वह करीब दो साल पहले उनके साथ काम करती थी, लेकिन अब वह उनके संपर्क में नहीं है।
वहीं सिंगर रॉकी मित्तल के आरोपों को लेकर भी अमित बिंदल ने बयान दिया। बिंदल ने बताया कि, वे नहीं समझते कि रॉकी मित्तल के आरोपों का कोई आधार है। बिंदल ने यह भी बताया कि रॉकी मित्तल खुद कैथल से भागे हुए हैं और उनकी संपत्ति बेचने की वजह भी सबको पता है। अमित बिंदल ने आगे कहा था कि अगर उन्हें या उनके परिवार को कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार कुछ लोग होंगे।
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]]>The post UPI यूजर्स के लिए बड़ा अपडेट, 1 फरवरी से ब्लॉक होंगे ये ट्रांजेक्शन, NPCI ने बदल दिया नियम, तुरंत करें चेक first appeared on Khabar Vahini.
]]>नई दिल्ली : 1 फरवरी 2025 से UPI ट्रांजेक्शन बंद होने का खतरा है. दरअसल, अगर पेमेंट ऐप ट्रांजेक्शन ID में स्पेशल कैरेक्टर यूज करती है तो सेंट्रल सिस्टम उस ऐप से ट्रांजेक्शन को एक्सेप्ट नहीं करेगा।
अगर आप UPI पेमेंट ऐप यूज करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. दरअसल, 1 फरवरी से कोई भी UPI ऐप ट्रांजेक्शन ID जनरेट करने के लिए स्पेशल कैरेक्टर यूज नहीं कर पाएगी. अगर कोई ऐप ट्रांजेक्शन ID में स्पेशल कैरेक्टर यूज करेगी तो सेंट्रल सिस्टम उस पेमेंट को कैंसिल कर देगा. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ये दिशानिर्देश बिजनेस यूजर्स के लिए जारी किए थे, लेकिन इसका असर आम ग्राहकों पर भी पड़ने वाला है।
इसलिए किया जा रहा है बदलाव
NPCI UPI ट्रांजेक्शन ID जनरेट करने की प्रोसेस को स्टैंडर्ड बनाना चाहता है. इसलिए उसने सभी कंपनियों से ट्रांजेक्शन ID में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर ही जोड़ने के आदेश दिए हैं. ये आदेश 1 फरवरी से लागू हो जाएंगे. इसका मतलब है कि अगर कोई ऐप इन आदेशों का पालन नहीं करती है तो UPI के जरिये पेमेंट पूरी नहीं होगी. आदेशों का पालन करने की जिम्मेदारी ऐप्स पर ही डाली गई है।
पहले भी जारी किए थे आदेश
NPCI ने पहले भी इस प्रोसेस को स्टैंडर्ड बनाने के लिए आदेश जारी किए थे. बीते साल मार्च में आए आदेशों में ट्रांजेक्शन ID को 35 कैरेक्टर में बनाने की बात कही गई थी. इससे पहले ट्रांजेक्शन ID में 4 से लेकर 35 कैरेक्टर तक होते थे. इसे देखते हुए 35 कैरेक्टर की ID जनरेट करने की बात कही गई थी.
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]]>The post यौन शोषण मामले मे जींद SP का बयानजींद SP सुमित कुमार ने महिला पुलिसकर्मी द्वारा लगाए गए आरोप पर खोले बड़े राज : देखें वीडिय first appeared on Khabar Vahini.
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]]>The post मंत्रिमंडल व विभागों के बटवारे के बाद मोदी की छवि और मजबूत हुई, मिडिया व विपक्ष के दावे फेल first appeared on Khabar Vahini.
]]>11 जून 2024 : कल दिल्ली मे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री की शपथ के साथ अपने मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई, मन्त्रीमंडल के गठन से स्पष्ट दिखाई दे रहा है की जैसे विपक्षी पार्टियां TDP व JDU जैसे दलो के बारे मे भ्रामक प्रचार करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को लंगड़ी सरकार कहने की कोशिश कर रहे थे वैसा कुछ नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी दबाव के अगले पांच साल देश को विकास की नई ऊंचाइयों की तरफ लेकर जायेंगे, केंद्रीय मन्त्रीमण्डल के गठन मे सभी जातियो और वर्गो का ध्यान रखा गया है, युवा और अनुभव का समावेश मन्त्रीमण्डल के गठन मे साफ दिखाई दे रहा है, लोकसभा चुनावो मे राजपूत समाज की नाराजगी को ध्यान मे रखते हुए राजपूत समाज को संतुष्ट करने के लिए 6 केंद्रीय मंत्री बनाये गये है.
हरियाणा मे अक्टूबर मे होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के मध्येनजर जाट और गैर जाट समीकरण साधने की पूरी कोशिश की गई है जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पंजाबी समुदाय, राव इंदरजीत अहीर समुदाय व कृष्ण पाल ग़ुज्जर समुदाय से केंद्रीय मंत्री बनाये गये है तो जाट समुदाय, जिसका NDA मे लोकसभा चुनाव मे कम प्रतिनिधित्व चुनकर आया है, को हरियाणा के विधानसभा चुनावो को साधने के लिए, हरियाणा से लगते यू पी से जयंत चौधरी और राज्यस्थान से भागीरथ चौधरी को जाट समुदाय के कोटे से केंद्रीय मन्त्रीमंडल मे जगह दी गई है, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के केंद्रीय मंत्री बनने से स्पष्ट है की अगले कुछ दिनो मे बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने वाला है जिसके साथ ही हरियाणा मे भी नए बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति होगी, हरियाणा मे विधानसभा चुनावो के मध्येनजर नए बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि लोकसभा चुनाव मे बीजेपी के संगठन की जो कमियाँ सामने आई है उन्हें विधानसभा चुनाव तक दूर करके नए मजबूत संगठन को तैयार करना आसान नहीं होगा और ये काम केवल वही नेता कर सकता है जिसे संगठन चलाने का जमीनी स्तर तक का अनुभव हो और जो विधानसभा चुनावो तक भाजपा के संगठन को नई धार दे सके, हरियाणा मे भाजपा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करते वक़्त लोकसभा चुनाव के बने समीकरणो को भी ध्यान रखना होगा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर ऐसे नेता की नियुक्ति करनी होगी जिससे ना केवल भाजपा का संगठन मजबूत हो बल्कि नए प्रदेश अध्यक्ष की वजह से भाजपा को 90 हल्को मे वोटो का भी फायदा हो, लोकसभा चुनाव मे भाजपा को जाट समुदाय का वोट ना बराबर मिला है और भाजपा मे इस वक़्त ऐसा कोई जाट समुदाय का मजबूत नेता दिखाई नहीं दे रहा है जो विधानसभा चुनावो मे जाट समुदाय के वोट भूपेंद्र हुड़्डा, हुड्डा कांग्रेस व कांग्रेस से तोड़कर भाजपा को दिला सके, इस कारण इस जमीनी स्तर की सच्चाई की वजह से भाजपा का हरियाणा का नया प्रदेश अध्यक्ष जाट समुदाय से बनना मुश्किल दिखाई दे रहा है, मुख्यमंत्री, दो केंद्रीय मंत्रीयो को नियुक्त करके भाजपा हरियाणा मे पिछड़े वर्ग को साध चुकी है तो राजस्थान मे ब्राह्मण चेहरे को भाजपा मुख्यमंत्री व लोकसभा चुनावो मे दो टिकट ब्राह्मण समाज को देकर भाजपा उनके भाजपा के लिए महत्व को साबित कर चुकी है लेकिन एससी समुदाय का कोटा बीजेपी मे अभी तक खाली है जिस कारण भाजपा हरियाणा के राजनैतिक हालातो मे किसी एससी चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्त करके लोकसभा चुनावो मे मिले एससी समुदाय के वोटो मे विधानसभा चुनावो मे ओर ज्यादा इजाफा कर सकती है, हरियाणा मे भाजपा के पास सांसद कृष्ण लाल पँवार, कृष्ण बेदी, बंतो कटारिया और पूर्व सांसद डॉ अशोक तंवर आदि एससी समुदाय के नेता व चेहरे है लेकिन इनमे डॉ अशोक तंवर को छोड़कर किसी को भी संगठन चलाने का अनुभव नहीं है और डॉ अशोक तंवर को संगठन चलाने मे महारत हासिल है, इसके अलावा कांग्रेस के 6 साल प्रदेश अध्यक्ष रहने सहित पिछले कई सालो से डॉ अशोक तंवर हरियाणा के 90 हल्को की राजनीति कर रहे है जिससे 90 हल्को मे उनका व्यक्तिगत वोट बैंक व साथियो की मजबूत टीम होने के साथ साथ वे हरियाणा की राजनीति का एक बड़ा चेहरा भी है, इस कारण विधानसभा चुनाव मे हरियाणा मे इतना ज्यादा समय नहीं बचा है की भाजपा लोकसभा चुनावो से सबक लेकर बिना सोचे समझे किसी को भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंप दे और ये भी निश्चित है भाजपा को लोकसभा चुनाव की संगठन की कमियों को दूर करके ही विधानसभा चुनाव मे उतरना होगा ना तो लोकसभा चुनावो की तरह नुकसान उठाना पड़ सकता है जिसके लिए संगठन चलाने मे अनुभवी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना भाजपा के लिए जरूरी है , इस लिए अगले कुछ दिन हरियाणा मे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ साथ ही भाजपा की विधानसभा चुनाव की रणनीति निर्धारित करने वाले है और अगर भाजपा सारे जातीय समीकरण और लोकसभा चुनाव का विश्लेषण करने के बाद संगठन चलाने के अनुभवी किसी नेता को हरियाणा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करती है तो उसकी विधानसभा चुनावो मे राहे आसान हो जायेगी
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]]>The post हिमाचल में सियासी हलचल तेज : विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, कहा-विधायकों की आवाज को दबाने की हुई कोशिश first appeared on Khabar Vahini.
]]>शिमला : हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल के बीच सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट से इस्तीफा देने का ऐलान किया। हालांकि विक्रमादित्य ने पार्टी हाईकमान पर भरोसा जताया है कि वह उनकी बातों को सुनेगी।
विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीएम की कार्यप्रणाली से कई विधायक नाराज थे और अब हालात सही नहीं थे। वर्तमान परिस्थिति में इस सरकार में बने रहना मेरे लिए ठीक नहीं है इसलिए मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। आनेवाले समय में आगे के कदम पर विचार करूंगा।
उन्होंने सीधा मुख्यमंत्री सुक्खू के कार्यप्रणाली पर हमला बोला और कहा कि मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित करने का काम किया गया है, जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, हमें कमजोर करने की कोशिश की गई। सरकार सभी के सामूहिक प्रयास से बनी थी। मैं किसी भी दबाव में नहीं आने वाला हूं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा,’विधायकों के साथ कहीं न कहीं अनदेखी हुई है, विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है जिसके कारण हम आज इस कगार पर खड़े हैं। लगातार इन विषयों को पार्टी नेतृत्व के समक्ष भी उठाया गया है, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया।
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]]>The post मोदी सरकार की नीति ‘किसान फर्स्ट’, ये आंकड़े हैं इसका प्रमाण first appeared on Khabar Vahini.
]]>नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस बात का जिक्र करते रहे हैं कि उनके लिए जातियां सिर्फ चार हैं, गरीब, किसान, महिला और युवा। इनके सशक्तिकरण के लिए वह हमेशा से प्रयास करते रहे हैं और करते रहेंगे। इनमें से किसान पीएम मोदी के विकास के संकल्प में शीर्ष पर हैं।
ऐसे में 2014 में नरेंद्र मोदी 1.0 सरकार के गठन के बाद से ही किसानों को सशक्त करने को लेकर पीएम के प्रयास किसी से छुपे नहीं हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के 10 साल के कार्यकाल में किसानों को लेकर सरकार ने कई शानदार फैसले लिए जिसने किसानों की दिशा और दशा दोनों सुधारने में अहम योगदान दिया।
10 साल में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के प्रयास के तहत पीएम मोदी की सरकार ने कृषि का बजट हर साल बढ़ाया और इसका बेहतर उपयोग कैसे हो इसे भी सुनिश्चित किया। इसके साथ ही नकदी खेती के बेहतर विकल्प के बारे में किसानों को जागरूक करना, कृषि के लिए मिट्टी को स्वस्थ कैसे बनाया जाए इसकी जानकारी देना, खेती के लिए किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज मिले ये सुनिश्चित कराना, किसानों को खेती के लिए आसानी से ऋण कैसे मिले इसकी व्यवस्था करना।
कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत कैसे बनाया जाए इसके लिए योजनाएं बनाना। किसानों को आपदा के समय कैसे सहायता मिले, फसलों की बीमा कैसे हो, ज्यादातर कृषि उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था के साथ किसान अपनी फसल को बाजार तक कैसे पहुंचाएं या किसानों की पहुंच बाजार तक कैसे हो इसकी व्यवस्था करना। किसानों को पारंपरिक खेती के साथ नकदी खेती के जरिए कैसे अतिरिक्त आय के अवसर बने इसके बारे में जागरूक करना। किसानों को वित्तीय सुरक्षा मुहैया कराना, कृषि में उन्नत तकनीक का उपयोग कैसे हो इसकी व्यवस्था करना से लेकर, अन्नदाता सम्मान जैसे काम किए हैं।
पीएम मोदी का किसानों और कृषि के प्रति लगाव और उनके विकास की दिशा में काम करने का तरीका गुजरात के सीएम रहते भी वैसा ही था। उनके सीएम रहते गुजरात के किसानों ने तेजी से प्रगति की और गुजरात कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भर बना। किसानों की दशा सुधरी और उन्हें खेती की लागत से बहुत ज्यादा फसल बेचकर मुनाफा होने लगा।
किसानों को सोयल हेल्थ कार्ड पीएम मोदी के समय में जारी किया गया ताकि किसानों को मिट्टी के बारे में पूर्ण जानकारी मिल सके कि वह जिस मिट्टी पर फसल बोने वाले हैं वहां किस तरह की फसल के लिए वह मिट्टी बेहतर विकल्प है। मिट्टी की स्वास्थ्य संरचना कैसी है और उसकी उर्वरता क्षमता को बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता है। 22 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को अभी तक निःशुल्क वितरित किया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी के इस दस साल के कार्यकाल में कई किसानों को पद्म पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। किसानों की आय कैसे बढ़े इसके लिए एक साल में कई बार एमएसपी में सुधार भी किया गया।
मोदी सरकार के कार्यकाल में एमएसपी पर खरीदी में तेज उछाल भी देखा गया। किसानों को फसल बीमा का लाभ देने के साथ पीएम किसान योजना और किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपए की रकम सीधे भेजना जैसे कामों के साथ किसानों को सशक्त बनाने पर बल दिया गया। किसानों की फसल को लेकर कोल्ड चेन, मेगा फूड पार्क के साथ ही कई और अन्य प्रकार के कृषि प्रसंस्करण बड़े पैमाने पर स्थापित किए गए। पीएम मोदी की सरकार ‘आत्मनिर्भर भारत’ के साथ ही ‘आत्मनिर्भर किसान’ पर भी काम करती रही है।
मोदी सरकार के दस साल में कृषि बजट में 5 गुना तक की बढ़ोतरी की गई है। 2007-14 के बीच कृषि का बजट जहां 1.37 लाख करोड़ रुपए था वहीं 2014-25 के बीच यह बढ़कर 7.27 लाख करोड़ रुपए हो गया।
किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल 6000 रुपए की जो राशि दी जाती है। वह अब तक 11 करोड़ किसानों को दी गई है। किसानों की फसल को बाजार मिले इसके लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सरकार की तरफ से 1 लाख करोड़ रुपये का एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड दिया गया। पहली बार 22 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण किया गया जो फसल की लागत मूल्य से 50 प्रतिशत अधिक था। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी की सरकार ने जो प्रयास किए वह पूर्व में किसी भी सरकार के द्वारा नहीं किया गया।
पीएम मोदी ने किसानों को जो यूरिया खाद मिलता था उसकी कालाबाजारी को रोकने के लिए नीम कोटेड यूरिया की व्यवस्था कर दी। यूरिया के अवैध डायवर्सन को इससे पूरी तरह रोक दिया गया और किसानों को अब खाद के लिए लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ती हैं। इसके अलावा, कई बेद पड़े खाद के कारखानों को फिर से शुरू किया गया जिससे नौकरियां पैदा होने के साथ उर्वरकों में आत्मनिर्भरता भी बढ़ी है।
2015-16 में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने परम्परागत कृषि विकास योजना प्रारम्भ की जिसके तहत अब तक किसानों को 70 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना के तहत जीरो बजट खेती जहां शून्य क्रेडिट की आवश्यकता है और यहां खेती में रासायनिक उर्वरकों का भी उपयोग नहीं होता। इसको लेकर सरकार की तरफ से किसानों को जागरूक किया गया।
सरकार की तरफ से बेहतर बीज की उपलब्धता 2014-15 में 158.19 लाख क्विंटल थी जो 2022-23 में बढ़कर 514.26 लाख क्विंटल हो गया। किसानों की बाजार तक पहुंच बेहतर हो इसके लिए ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाने का काम भी सरकार की तरफ से तेजी से किया गया। 2014-15 में जहां 4.19 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कें थी वह फरवरी 2023 तक 7.53 लाख किलोमीटर हो गया।
2014 में जहां 318.23 लाख मीट्रिक टन खाद्यानों को कोल्ड स्टोरेज में रखने की क्षमता थी उसे फरवरी 2023 तक बढ़ाकर 394.17 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। 2007-14 के बीच जहां एमएसपी पर धान की खरीद 2.58 लाख करोड़ रुपए की हुई थी वह 2014-21 के बीच 187 प्रतिशत बढ़कर 7.43 लाख करोड़ हो गई। 2013-14 में की तुलना में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 2022-23 में 172 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
वहीं, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 2007-14 में 1.99 लाख करोड़ रुपए जो 2022-23 में 83 प्रतिशत बढ़कर 3.65 लाख करोड़ रुपए हो गई। इसी तरह तिलहन की फसलों पर खरीदी और एमएसपी दोनों में बड़ा इजाफा हुआ है।
रबी की फसलों के लिए जहां 2010-11 में 1120 रुपए प्रति क्विंटल और 2013-14 में 1400 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी तय थी वह नवंबर 2023-24 में बढ़कर 2275 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। मसूर की एमएसपी में भी 2013-14 के मुकाबले 2023-24 तक दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है। वैसे ही चने और जौ के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस दौरान बड़ा इजाफा किया गया है।
मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी दोगुने से ज्यादा बढ़ाया गया है। साथ ही मोदी सरकार की नीतियों की वजह से मोटे अनाज की मांग देश के बाहर पूरी दुनिया में अब तेजी से बढ़ी है। एमएफपी और एमएसपी से लाभान्वित परिवारों की संख्या में भी 25 गुना का इजाफा इन 10 सालों में हुआ है।
एमएसपी के तहत वन उत्पाद की संख्या में 8 गुना से अधिक की वृद्धि की गई है। पहले 10 वन उत्पाद पर एमएसपी का लाभ मिलता था जो अब 87 हो गई है।
एमएसपी के तहत वन उत्पाद की संख्या में 8 गुना से अधिक की वृद्धि की गई है। पहले 10 वन उत्पाद पर एमएसपी का लाभ मिलता था जो अब 87 हो गई है।
2014 तक जहां 2 मेगा फूड पार्क देश में थे वह पीएम मोदी के 10 साल के कार्यकाल में बढ़कर 23 हो गए हैं। 2014 तक देश में कोल्ड चेन जो 37 की संख्या में था 2023 तक उसकी संख्या 273 हो गई है।
कृषि के साथ दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, शहद उत्पादन जैसी कई और गतिविधियों के जरिए नियमित आय के स्त्रोत किसानों के लिए बने इसके लिए भी सरकार की तरफ से व्यवस्था की गई है। ऐसे में सरकार की तरफ से नीली क्रांति के तहत बजट को 10 गुना बढ़ाया गया है। वहीं हॉर्टिकल्चर प्रोडक्शन को भी 26 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाया गया है।
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]]>The post सिंघु और टिकरी बॉर्डर खुलने शुरू, कंक्रीट की दीवार तोड़ रही पुलिस; लोगों को मिलेगी राहत first appeared on Khabar Vahini.
]]>नई दिल्ली : किसान आंदोलन के बीच दिल्ली पुलिस ने बड़ा फैसला किया है। दिल्ली पुलिस टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए लगाए बैरिकेड को अस्थाई तौर पर हटा रही है ताकि रास्ते को आम यातायात के लिए खोला जा सके। बताया जा रहा है कि पुलिस सड़क के दोनों तरफ का एक हिस्सा आवाजाही के लिए खोल रही है। इससे लोगों को दिल्ली आवागमन में काफी राहत मिल सकेगी। किसानों के दिल्ली में प्रवेश को रोकने के लिए पुलिस ने दोनों बॉर्डर पर कंक्रीट की दीवार से बैरिकेडिंग की थी।
बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत करीब दर्जन भर मांगों को लेकर किसान अभी भी पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों ने दो बार हरियाणा का बॉर्डर पार करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने खदेड़ दिया। जिसके बाद से किसान शंभू बॉर्डर पर ही डटे हुए हैं और दिल्ली कूच करने का फैसला दो दिनों के लिए टाल दिया है। किसान नेताओं ने कहा था कि वे 29 फरवरी तक दिल्ली कूच नहीं करेंगे।
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]]>The post शरद पवार ने लॉन्च किया पार्टी का नया चुनाव चिह्न, बोले- यह संघर्ष की शुरुआत है first appeared on Khabar Vahini.
]]>मुंबई : महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने शनिवार को अपने संगठन का नया चुनाव चिन्ह लॉन्च किया। पार्टी का नया चिह्न ‘तुरुही बजाता हुआ व्यक्ति’ है। चुनाव निन्ह को लॉन्च करते समय शरद पवार ने कहा कि यहां से स्वराज्य की स्थापना कर शिवाजी महाराज ने सामान्य लोगों के लिए काम किया। यह संघर्ष की शुरुआत है। यहीं पर सर्वसामान्य लोगों के लिए काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ गठबंधन करने के लिए अजित पवार ने एनसीपी के दो फाड़ कर दिए थे और अपनी पार्टी को ही असली एनसीपी बताया, जिसके महीनों बाद चुनाव आयोग ने हाल ही में उनके गुट को ही असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी और उसे चुनाव चिन्ह ‘दीवार घड़ी’ आवंटित की। बाद में चुनाव आयोग ने शरद पवार के गुट को ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ नाम दिया।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को शरद पवार के संगठन के लिए ‘तुतारी बजाते हुए व्यक्ति’ वाला चुनाव चिन्ह आवंटित किया। चुनाव चिन्ह पर पवार ने कहा कि तुतारी उन लोगों के लिए खुशी लाएगी जो बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण संघर्ष कर रहे हैं। पवार ने आम लोगों के कल्याण और प्रगति के लिए काम करने वाली सरकार लाने के लिए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का समर्थन मांगा है।
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]]>नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों को 1 जुलाई 2024 से लागू किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी। नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली IPC की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी।
तीनों नए आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। यानी अब इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा। नए कानूनों में मॉब लिंचिंग, यानी जब 5 या इससे ज्यादा लोगों का एक समूह मिलकर जाति या समुदाय आदि के आधार पर हत्या करता है, तो ग्रुप के हर सदस्य को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। इन तीनों कानूनों का मुख्य उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलना है जोकि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कानूनों पर चल रही थी, इससे छुटकारा मिल सकेगा. इन कानूनों में राजद्रोह के अपराध को भी समाप्त किया गया है। इसमें राज्य के खिलाफ अपराध करने की एक नई धारा का शामिल किया गया है।
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]]>दिल्ली : हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उसकी लंबे समय से तलाश कर रही थी। हल्द्वानी पुलिस के मुताबिक, ये गिरफ्तारी दिल्ली से हुई है। मलिक का बगीचा अब्दुल मलिक का ही था, जहां अवैध निर्माण हटाने के लिए प्रशासन गया था। इसके बाद हिंसा हुई थी।
अब्दुल मलिक 8 फरवरी को भड़की हिंसा का मुख्य आरोपी बनाया गया था। उस पर मलिक का बगीचा के अतिक्रमण को हटाए जाने के दौरान पुलिस और प्रशासन की टीम के खिलाफ भीड़ को उकसाने और उन पर जानलेवा हमला कराने का आरोप है। इस मामले में अब्दुल मलिक के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लुक आउट सर्कुलर भी जारी हो चुका है। अब उसके बारे में दावा किया जा रहा है कि उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है। यह दावा अब्दुल मलिक के वकीलों ने किया है।
अब्दुल मलिक के वकील अजय बहुगुणा, शलभ पांडे और देवेश पांडे ने दावा किया कि उन्होंने एक एंटीसिपेटरी बेल यानी अग्रिम जमानत याचिका हल्द्वानी के सेशन कोर्ट में दाखिल की थी। इस याचिका में अपील की गई है कि घटना के दिन अब्दुल मलिक यहां नहीं थे। इसी याचिका के दौरान उन्होंने बताया कि अब्दुल मलिक का एक पता भी इसमें लिखा गया था, जो दिल्ली का था। बताया जा रहा है कि इसी आवेदन को देखने के बाद उत्तराखंड पुलिस उस पते पर पहुंची। वहां से अब्दुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, अभी पुलिस की ओर से इस संबंध में पुष्टि की जा रही है।
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