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Panchang Benefits: पंचांग सुनना क्यों है महत्वपूर्ण? जान लेंगे धन-सं​पत्ति प्राप्ति के साथ 6 बड़े लाभ तो रोज चाहेंगे इसे पढ़ना

हाइलाइट्स

पंचांग से शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि के बारे में पता चलता है.
पांच मुख्य भागों से बने होने के कारण इसे पंचांग कहते हैं.

हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष स्थान है. पंचांग की मदद से शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि के बारे में पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. किसी दिन कौन सी तिथि, नक्षत्र, करण आदि है, यह भी पता किया जा सकता है. शुभ मुहूर्त को जानने के लिए पंचांग की मदद लेते हैं. पंचांग को सुनने का भी अपना महत्व है. पंचांग को सुनने से 6 बड़े लाभ होते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं पंचांग श्रवण से होने वाले फायदे कौन-कौन से हैं?

पंचांग क्या है?
जिसमें तिथि, वार, योग, करण और नक्षत्र का स्पष्ट मान दिया जाता है, वह पंचांग कहलाता है. पांच मुख्य भागों से बने होने के कारण इसे पंचांग कहते हैं. पंचांग का अर्थ है पांच अंग. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति पंचांग का ज्ञानी होता है, उसे पाप स्पर्श भी नहीं कर सकता है.

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पंचांग सुनने के फायदे
1. यदि आप पंचांग में तिथि का श्रवण करते हैं तो आपको धन की प्राप्ति होती है. आप पर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद होता है.

2. पंचांग के नक्षत्र का श्रवण करने से पाप का नाश होता है, व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है.

3. पंचांग में वर्णित वार का श्रवण करने से उम्र में वृद्धि होती है. व्यक्ति की आयु बढ़ जाती है.

4. जो व्यक्ति पंचांग के करण का श्रवण करता है, उसके सभी कार्य सफल होते हैं. उसके काम बाधारहित सफलता प्राप्त करते हैं.

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5. पंचांग के योग का श्रवण करने से व्यक्ति निरोगी होता है. उसके रोग दूर होते हैं.

6. इन सभी को पंचांग श्रवण का फल कहा जाता है. पंचांग फल के श्रवण से व्यक्ति को गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त होता है.

इसके बारे में संस्कृत में लिखा है—
तिथिवारं च नक्षत्रं करणमेव च।
यत्रैतत्पंचकं स्पष्टं पंचांग तन्निगद्यते।।
जानाति काले पंचांग तस्य पापं न विद्यते।
तिथेस्तु श्रियमाप्नोति वारादायुष्यवर्धनम्।।
नक्षत्राद्धरते पापं योगाद्रोगनिवारणम्।
करणात्कार्यसिद्धि: स्यात्पंचांगफलमुच्यते।।
पंचांगस्य फलं श्रुत्वा गंगास्नानफलं लभेत्।

Tags: Astrology, Dharma Aastha

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Author: traffictail

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