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मोदी की लोकप्रियता से INDI गठबंधन हुआ चित

खबर वाहिनी न्यूज ब्यूरो के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता, राजनितिक लेखक और चिंतक श्री संग्राम सिंह राणा का विशेष लेख

अधिवक्ता, राजनितिक लेखक व चिंतक संग्राम सिंह राणा

आख़िरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औऱ बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने के लिए तैयार किया गया महागठबंधन INDIA बुरी तरह भरभरा कर घुटनो से नीचे आ गया, बिहार मे नीतीश कुमार ने लालू यादव औऱ कांग्रेस की उसकी सरकार गिराकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की साजिश की धज्जिया उड़ाकर बीजेपी से मिल कर नई सरकार बनाकर INDIA गठबंधन को हाशिये पर लाकर कांग्रेस के हर मंसूबे पर पानी फेर दिया, पश्चिम बंगाल मे ममता बनर्जी ने कांग्रेस से गठबंधन करने से मना कर दिया तो उप्र मे अखिलेश यादव कांग्रेस को कोई रास्ता देने को तैयार नहीं है, आम आदमी पार्टी राजनीति मे घुटने टेक चुकी है और धीरे धीरे देश की राजनीति मे हाशिये पर पहुंच रही है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल बार बार अपनी बात को मजबूत दिखाने के लिए राजनीति छोड़ने की घोषणा करते रहते है लेकिन देश की जनता को ये जवाब नहीं दे रहे है की दिल्ली मे एमसीडी मे उसके पास बहुमत से ज्यादा निगम पार्षद होने के बावजूद भी आम आदमी पार्टी पिछले 14 महीने से एमसीडी मे स्टैंडिंग कमेटी का गठन क्यों नहीं कर पा रही है?जिसका साफ अर्थ है की एमसीडी मे आम आदमी पार्टी के पास स्टैंडिंग कमेटी के गठन जितना बहुमत नहीं रहा है औऱ एमसीडी चुनाव मे पार्टी की टिकट करोड़ो मे बेचने वाली आम आदमी पार्टी के ज्यादातर पार्षद पार्टी छोड़कर जाने को तैयार है, अरविन्द केजरीवाल ये बयान दे की “अगर एमसीडी मे स्टैंडिंग कमेटी नहीं बनी तो वे राजनीति छोड़ देंगे,” फिर तो लगे की राजनीति छोड़ने का उनमे दम है.

अरविन्द केजरीवाल देश की जनता को ये क्यों नहीं बता रहे की वे दिल्ली विधानसभा मे 62-67 जीत कर भी पिछले 15 साल मे लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत सके जिसकी वजह से दिल्ली की जनता उन्हें देश की राजनीति करने लायक ही नहीं मानती, अरविन्द केजरीवाल ने जब राजनीति क्यों नहीं छोड़ी जब पंजाब मे अविश्वासनीय बहुमत हासिल करने के दो महीने बाद हुए संगरूर लोकसभा उपचुनाव मे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की बुरी हार हुई जिसमे पंजाब की जनता ने उन्हें फिर से संदेश दिया की वे देश की राजनीति करने लायक नेता नहीं है और अब अरविन्द केजरीवाल जींद की कल की रैली मे मंच से घोषणा करते की “अगर हरियाणा की एक भी लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी नहीं जीती तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे “, फिर तो लोकसभा चुनाव से पहले जनता उन्हें गंभीरता से लेते की उनका राजनीति छोड़ने का दावा सच्चा है , इस कारण हरियाणा मे जिन्दा रहने के लिए आम आदमी पार्टी कांग्रेस से गठबंधन की भीख मांगती नजर आ रही है क्योंकि अकेले दस की दस लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने से उसकी दस की दस सीट पर जमानत जब्त होना तय है और उसके बाद आम आदमी पार्टी मे हरियाणा मे विधानसभा की टिकट मांगने वाला कोई नहीं बचेगा और अरविन्द केजरीवाल औऱ आम आदमी पार्टी की झूठ की पोल हरियाणा की जनता के सामने खुल जायेगी.

वैसे भी चौधरी निर्मल सिंह औऱ डॉ अशोक तंवर और उनके साथियो के पार्टी छोड़ने के बाद हरियाणा मे लोकसभा की छोड़िये, आम आदमी पार्टी मे विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार ही नहीं रहे है और यही वजह है की केजरीवाल एक तरफ कह रहे है की हरियाणा मे लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन मे लड़ेंगे और विधानसभा चुनाव अकेले ताकि विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्ति विधानसभा चुनाव तक पार्टी मे ठहर सके बाकी कल जींद रैली मे अरविन्द केजरीवाल के भाषण के दौरान कुर्सियां खाली दिखाई दी उससे लगने लगा है की हरियाणा की जनता अरविन्द केजरीवाल के बार बार मुफ्त बिजली पानी के नारे से तंग आ चुकी है क्योंकि इसके अलावा आम आदमी पार्टी हरियाणा की जनता को कुछ भी नया नहीं बता सकी है औऱ जनता को पता है की केवल मुफ्त बिजली, पानी आदि से रोटी नहीं चलती, सडके नहीं बनती, मेडिकल कॉलेज नहीं बनते, गरीबों को घर नहीं मिलते, जब लोगो के पास घर ही नहीं होंगे तो बिजली और पानी के बिल कहाँ से आएंगे जबकि हरियाणा की जनता पिछले दस साल से प्रदेश मे हुए विकास को देखकर स्पष्ट कह रही है की दिल्ली औऱ पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकारे मिलकर भी  हरियाणा मे पिछले दस साल मे बीजेपी सरकार मे हुए विकास के आसपास भी नहीं ठहरती है, इस कारण डॉ अशोक तंवर और उसके साथियो के आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी मे शामिल होने के बाद हरियाणा मे आम आदमी पार्टी उस स्तर पर पहुंच गई है की लोकसभा चुनाव, चाहे वो गठबंधन मे लड़ ले या अकेले, दस की दस लोकसभा सीट पर उसकी जमानत जब्त होगी जिसके बाद उसके पास हरियाणा मे कोई विधानसभा चुनाव लड़ने वाला भी नहीं बचेगा

वरिष्ठ अधिवक्ता, राजनितिक लेखक और चिंतक श्री संग्राम सिंह राणा की कलम से

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Author: Khabar Vahini

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