खबर वाहिनी न्यूज ब्यूरो :
मुगल शहंशाह अकबर ने अपने परिवार के पूर्ववर्ती शासकों से इतर कई उदार कदम उठाए थे. इन कदमों में राजपूत-मुगल मैरिज अलायंस को भी गिना जाता है. दूसरे धर्म में शादी को लेकर तब अकबर को अपने धर्म के कट्टरपंथियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा था. अकबर के बाद कई मुगल राजाओं के साथ राजपूत राजकुमारियों की शादियां हुईं. मुगल शासन के दौरान ऐसी बीस से ज्यादा शादियां हुई थीं. लेकिन अकबर ने अपनी मुंहबोली ‘भतीजी’ की शादी एक हिंदू राजा से की थी. ये राजा कोई और नहीं जयपुर के मानसिंह प्रथम थे जिन्हें अकबर के करीबियों में शुमार किया जाता था.
मान सिंह को बेटा कहकर बुलाते थे अकबर
अकबर के दरबार में नवरत्नों में शुमार किए जाने वाले मान सिंह युद्ध में इतने माहिर थे कि उन्हें राजपूत और मुगल दोनों युद्धकलाएं आती थीं. अकबर के लिए उन्होंने काबुल, बाल्ख, बुखारा और बंगाल समेत कई जगह पर बेहद अहम युद्ध लड़े और जीते. मान सिंह के प्रति अकबर के मन में इतना प्रेम था कि वह उन्हें फरजंद यानी बेटा कहकर बुलाते थे.
मान सिंह की कई पत्नियां थीं, मुगल परिवार से जुड़ी थीं बीवी मुबारक
मान सिंह की कई शादियां हुई थीं जिनमें सुशीलावती बाई पहली पत्नी थीं. इसके सहोदरा गौड और मुनावरी बाई के साथ भी उनकी शादी हुई थी. मान सिंह की एक शादी अकबर के मुंहबोले भाई अधम खान की बेटी बीवी मुबारक के साथ भी हुई थी.
अधम खान को अकबर ने मरवाया था
अधम खान अकबर की मुंहबोली मां महम अंगा के बेटे थे. उनकी अकबर के शासन के दौरान बेहद अहम भूमिका थी. कम उम्र में अकबर के गद्दी संभालने के बाद महम अंगा मुख्य सलाहकार थीं. किशोरवय अकबर के वक्त में एक तरीके से महम अंगा के हाथों में ही शासन की बागडोर थी.
महम अंगा की संतान होने के कारण अधम खान को दरबार में लगभग मुगल परिवार की हैसियत हासिल थी. हालांकि अकबर के बेहद प्रिय जनरल शम्सुद्दीन की हत्या के कारण अकबर ने अधम खान को मरवा दिया था. बेटे की मौत की खबर अकबर ने खुद महम अंगा को दी थी. इसके चालीस दिन बाद महम अंगा की भी मौत हो गई थी. बाद में अकबर ने अधम खान और महम अंगा का मकबरा एक ही जगह पर बनवाया था. यह जगह दिल्ली के महरौली में स्थित है.
अकबर की मर्जी से हुआ था मुबारक बीवी का विवाह!
कहा जाता है कि आदम खान की बेटी बीबी मुबारक राजा मान सिंह को पसंद करती थी। बाद में दोनों ने शादी कर ली। कहा जाता है कि अकबर ने भी शादी के लिए हामी भर दी थी। यह संभवत: एकमात्र विवाह है जहां एक मुगल परिवार की बेटी की शादी एक राजपूत राजा से हुई थी।