हरियाणा कांग्रेस में चली आ रही अंतर्कलह लगातार बढ़ती जा रही है
खबर वाहिनी न्यूज ब्यूरो (नरेन्द्र शर्मा):
हरियाणा कांग्रेस में चली आ रही अंतर्कलह थमने का नाम ही नहीं ले रही थी। सूबे के शीर्ष नेताओं के बीच खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा साबित करने की होड़ मची हुई है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा दो बार सार्वजनिक मंच से मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर बयान दे चुकी है।
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का सेहरा अपने सिर पर सजा रहे राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी कैथल में शक्ति प्रदर्शन के दौरान अपनी दावेदारी पेश की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले से ही अपने आप को CM फेस घोषित कर चुके हैं।
14 जून को कैथल में रणदीप सुरजेवाला के शक्ति प्रदर्शन में उनके समर्थकों ने उन्हें CM बनाए जाने के गाने बजाए। गाने के बोल हैं, ”CM रणदीप हो इस बार”। हरियाणा में काफी समय से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को ही कांग्रेस का चेहरा माना जाता रहा है, लेकिन पार्टी में सुरजेवाला का कद बढ़ने के बाद अब हरियाणा कांग्रेस में सीएम चेहरे की होड़ दिलचस्प हो गई है।
अभी पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा की दावेदारी मजबूत
आगामी के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस बहुमत हासिल करती है तो पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा की ही दावेदारी सीएम पद के लिए सबसे मजबूत होगी। केंद्र के नेताओं में पूर्व सीएम अच्छा दखल रखते हैं। समय- समय पर वह अपनी इस ताकत का एहसास केंद्र के नेताओं को भी कराते रहे हैं। दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और सूबे में राजनीतिक रूप से उनकी सक्रियता लगातार बढ़ रही है।
रणदीप सुरजेवाला का कद भी नहीं है कम
AICC के बड़े चेहरों में शुमार रणदीप सुरजेवाला राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं। 2009-14 तक हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। राहुल और प्रियंका गांधी के काफी करीबी नेताओं में उनकी गिनती होती है। अभी हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल की है और रणदीप सुरजेवाला ही कर्नाटक के प्रभारी थे। ऐसे में इस जीत का श्रेय काफी हद तक कांग्रेस पार्टी उन्हें भी दे रही है।
कुमारी शैलजा भी नहीं है पीछे
कांग्रेस पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व में अच्छी पकड़ रखने वाली कुमारी शैलजा हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी है। 1996 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के काफी खराब प्रदर्शन के बावजूद कुमारी शैलजा फिर से चुनी गयी। 2004 के आम चुनावों में उन्होंने अंबाला लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और बाद में केंद्रीय राज्य मंत्री बनीं।