खबर वाहिनी न्यूज ब्यूरो
मणिपुर :
मणिपुर में पिछले महीने से चली आ रही हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा को कंट्रोल करने के लिए कई जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है। सरकार शांति बहाली के लिए सेना को मोर्चे पर लगा रखी है। इस बीच शनिवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला। जहां, सुरक्षाबलों को कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 उग्रवादियों को महिलाओ की भीड़ की वजह से मजबूरन छोड़ना पड़ गया।
सुरक्षा बलों ने कांगलेई यावोल कन्ना लुप के 12 उग्रवादियों को एक गांव में घेर लिया था तभी महिलाओं की अगुवाई में करीब 1500 लोगों की भीड़ सामने आई गई। भीड़ को देखते हुए मजबूरी में सुरक्षाबलों को उन 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा था। 12 उग्रवादियों में मोइरंगथेम तम्बा उर्फ उत्तम भी शामिल था। तम्बा को साल 2015 में हुए उस हमले का मास्टरमाइंड था जिसमें सुरक्षा बलों के 18 जवानों की मौत हुई थी।
इम्फाल में डिफेंस पीआरओ ने बताया कि सुरक्षा बलों के जवानों ने भीड़ को हटने के लिए बार-बार अपील की लेकिन लोग पीछे नहीं हटे। अंत में मजबूरन उग्रवादियों को छोड़ना पड़ गया। हालांकि, सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के पास से मिले बड़ी मात्रा में हथियार को जब्त कर लिया है। ऐसा पहली बार नहीं है जब उग्रवादियों को बचाने के लिए महिलाएं सामने आई। इससे पहले भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है।