खबर वाहिनी न्यूज ब्यूरो
राजनितिक लेख by कुंवर संग्राम सिंह राणा (अधिवक्ता व राजनितिक विचारक)
कल दिल्ली मे हरियाणा के मुख़्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से डॉ अशोक तंवर की मुलाक़ात के बाद लगभग ये तय हो गया है की आम आदमी पार्टी की प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ अशोक तंवर आम आदमी पार्टी छोड़ कर कुछ दिनो मे बीजेपी मे शामिल हो सकते हैँ और डॉ अशोक तंवर के बीजेपी मे शामिल होते ही हरियाणा की राजनीति के समीकरण लोकसभा और विधानसभा चुनावो मे पूरी तरह बदल जाएंगे, मैंने पहले भी कई बार लिखा है की बीजेपी वो राजनैतिक पार्टी है जो हमेशा चुनावी मोड मे रहती है और डॉ अशोक तंवर को बीजेपी मे शामिल करना बीजेपी की दूरगामी रणनीति होने के साथ एक तीर से कई शिकार करने की सोची समझी रणनीति है.
अगर अशोक तंवर बीजेपी मे शामिल होते हैँ तो डॉ अशोक तंवर के बीजेपी मे शामिल होने के बाद हरियाणा मे ये निश्चित हो जायेगा की बीजेपी ना केवल लोकसभा मे दस सीट पर जीत हासिल करेगी बल्कि विधानसभा चुनावो मे 60-65 सीट जीतकर आसानी से हरियाणा मे तीसरी बार सरकार बना लेगी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने डॉ अशोक तंवर को धोखा देकर खुद अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मारी है, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ये नहीं सोच सकी की 2019 के विधानसभा चुनाव मे डॉ अशोक तंवर के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस के हाथ आई हुई सत्ता छीन गई थी तो चुनावो मे कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी जजपा का डॉ अशोक तंवर के साथ देने से जजपा दस सीट हासिल करके आज सरकार मे भागीदार है, आम आदमी पार्टी ये भी अनदेखा कर गई की एलेनाबाद उपचुनाव मे अंतिम समय मे डॉ अशोक तंवर के साथ देने से निश्चित हार की तरफ जा रहे चौधरी अभय चौटाला को जीत हासिल हुई थी.
मैंने कई दिन पहले सही लिखा था की “हीरे की कीमत केवल जौहरी ही जान सकता है “और बीजेपी ने जौहरी की तरह हरियाणा की राजनीति के हीरे डॉ अशोक तंवर की कीमत पहचान कर उसे अपने साथ जोड़ने की पहल करके हरियाणा मे आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावो मे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की रणनीति को बुरी तरह फेल कर दिया है, डॉ अशोक तंवर अपनी साफ और ईमानदार छवि, अपने साथियो के साथ सुःख दुःख मे खडे रहने के कारण ना केवल एससी समुदाय मे बल्कि अन्य जाति और धर्मों मे राजनीति से उप्पर उठकर आम जनता मे पसंद किये जाते है, डॉ अशोक तंवर हरियाणा के एकमात्र नेता है जिनकी पूरे 90 हल्को मे एक मजबूत टीम है जिसके सदस्य अपने अपने हल्को मे अपना मजबूत वजूद रखते है व इसके अलावा डॉ अशोक तंवर हरियाणा के एकमात्र नेता है जिनके हरियाणा के प्रत्येक गाँव, कस्बे और शहर मे व्यक्तिगत वोट बैंक है, इस कारण डॉ अशोक तंवर के बीजेपी मे शामिल होने के कारण ना केवल उनकी मजबूत टीम बीजेपी के साथ जुड़ेगी बल्कि हरियाणा के प्रत्येक पोलिंग बूथ पर वोट बीजेपी से जुड़ेंगे, डॉ अशोक तंवर के आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी मे शामिल होने के बाद हरियाणा की आम आदमी पार्टी मे 90 हल्को मे शायद ही कोई नेता होगा जो अपने बलबूते अपनी जमानत जब्त होने से बचा सके ना तो हरियाणा के लगभग सभी हल्को मे आम आदमी पार्टी के प्रत्याशीयों की जमानत जब्त होने के आसार हो गये है.
डॉ अशोक तंवर के बीजेपी मे शामिल होने के बाद सबसे बड़ा झटका कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा को लगेगा क्योंकि डॉ अशोक तंवर के कारण उनके हाथ से दूसरी बार सत्ता हाथ से साफ निकलती दिखाई देने लगी है क्योंकि डॉ अशोक तंवर के बीजेपी मे शामिल होने के बाद हरियाणा मे मुकाबला भूपेंद्र हुड्डा से जुड़े 5-7% जाट समुदाय के वोटो की कांग्रेस और 90-95% गैर जाट और अन्य समुदाय की वोटो की बीजेपी के बीच एकतरफा हो जायेगा,हरियाणा के एससी समुदाय के लगभग 28-30% वोटो का रुझान, जो पहले बँटा हुआ दिखाई देता था वो अब एकतरफा बीजेपी की तरफ दिखाई देने लगेगा और इसका कारण स्पष्ट है हरियाणा का एससी समुदाय चाहेगा की उसकी सरकार मे किसी नेता के माध्यम से मजबूत सांझेदारी हो और आज के समय हरियाणा मे डॉ अशोक तंवर के कद का कोई भी एससी समुदाय का नेता नहीं है, इस कारण डॉ अशोक तंवर के बीजेपी मे शामिल होने से हरियाणा मे बीजेपी का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ेगा और तीन राज्यों मे जीत के बाद हरियाणा मे लोकसभा और विधानसभा चुनावो के लिए बीजेपी का बना माहौल एक निश्चित जीत मे बदल जायेगा.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए डॉ अशोक तंवर का इस्तेमाल करना चाहती थी, दोनो पार्टियों की इच्छा थी की आम आदमी पार्टी डॉ अशोक तंवर के माध्यम से बीजेपी से जुड़ा एससी और गैर जाट समुदाय का वोट हासिल करके बीजेपी को चुनावो मे पीछे धकेल दे और कांग्रेस भूपेंद्र हुड्डा के जाट समुदाय के वोटो और आम आदमी पार्टी डॉ अशोक तंवर के माध्यम से एससी और गैर जाट वोटो के दम पर विधानसभा सीटो पर जीत हासिल करके बीजेपी को सत्ता से बेदखल करके मिली जुली सत्ता हासिल कर ले लेकिन बीजेपी डॉ अशोक तंवर को पार्टी मे शामिल करके ना केवल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का शिकार करके एक तीर से दो शिकार करेगी बल्कि लोकसभा और विधानसभा चुनावो मे अपनी जीत भी सुनिश्चित कर लेगी