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कविता शीर्षक – मकर संक्रांति का त्यौहार

कवयित्री : – मोनिका डागा “आनंद”, चेन्नई 

खबर वाहिनी न्यूज

आया है पर्व अति पावन,
उत्तरायण हो रहे सूर्य नारायण,
धनु राशि से प्रवेश हुआ मकर राशि में,
प्रकाशित कर रही है संजीवनी किरणें तन मन,
प्रकृति ने सजाया है देखो इतना सुंदर रूप,
मगन हो सब जन मनायें उत्सव उड़ाये पतंगें खूब,
मकर संक्रांति है प्रसिद्ध त्यौहार,जिसके विविध स्वरूप,
कहीं लोहड़ी, कहीं पोंगल, तो कहीं बीहू,
सनातन संस्कृति में भी इस तिथि का है विशेष महत्व,
आगमन करते सब देव पृथ्वी पर,सर्वश्रेष्ठ सृजन शुरू होते,
परम सौभाग्य जीव का जो पाता परम गति इस दिन,
पितामह भीष्म ने भी स्वेच्छा से स्वीकृत की थी मृत्यु,
जप, दान, पान, स्नान गंगा के तट पर हो गया अति महत्वपूर्ण,
मां गंगा  ने भी लिया था अवतरण मकर संक्रांति पर ,
प्रसन्न हो तप से भागीरथ के,
पवित्र किया धरा को अपने अमृत जल से,
मांगलिक कार्य  सब हो जाते प्रारंभ,
हर कोई मनाएं मकर संक्रांति हर्षोल्लास संग,
बनाएं तिल के लड्डू, चिक्की, खिचड़ी  विशेष,
देते हैं हिल मिल सबको शुभकामनाएं, उपहार संग ।

स्वरचित रचना :
मोनिका डागा “आनंद”, चेन्नई

Khabar Vahini
Author: Khabar Vahini

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