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धर्म

कविता : भारत मां के शान में

भारत मां के शान में
गा रहा हूं गीत सुहाना
भारत मां के सम्मान में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

खड़ा हिमालय बन के मुकुट है
देश के स्वाभिमान में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

नदियां जिनके पैर पखारे
देती रत्ने दान में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

लिखी है जिसकी गौरव गाथा
वेदों और पुराण में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

इस धरती पर जन्म लिया है
जियें इसी अभिमान में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

बच्चा बच्चा वीर यहां के
देशप्रेम बहे प्राण में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

एक स्वर में नाद करें सब
वंदे मातरम् गान में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

सबसे आगे देश हमारा
होगा इस जहान में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

फहरे फिर से राष्ट्रध्वज अब
ऊंचा आसमान में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

भारत मां की रक्षा हेतु
जान भी दे बलिदान में
दाग नहीं लगने अब देंगे
भारत मां के शान में…..2

खबर वाहिनी न्यूज हेतु स्वरचित रचना
अमित पाठक शाकद्वीपी