कविता : भारत मां के शान मेंभारत मां के शान मेंगा रहा हूं गीत सुहानाभारत मां के सम्मान मेंदाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2खड़ा हिमालय बन के मुकुट हैदेश के स्वाभिमान मेंदाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2नदियां जिनके पैर पखारेदेती रत्ने दान में दाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2लिखी है जिसकी गौरव गाथावेदों और पुराण मेंदाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2इस धरती पर जन्म लिया हैजियें इसी अभिमान मेंदाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2बच्चा बच्चा वीर यहां केदेशप्रेम बहे प्राण में दाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2एक स्वर में नाद करें सबवंदे मातरम् गान मेंदाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2सबसे आगे देश हमाराहोगा इस जहान में दाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2फहरे फिर से राष्ट्रध्वज अबऊंचा आसमान मेंदाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2भारत मां की रक्षा हेतुजान भी दे बलिदान मेंदाग नहीं लगने अब देंगेभारत मां के शान में…..2खबर वाहिनी न्यूज हेतु स्वरचित रचनाअमित पाठक शाकद्वीपी January 27, 2024
नवनिर्मित राम मंदिर बड़े-बड़े महलों है पर भारी, 44 दरवाजे, 392 खंभे, 8 तीव्रता वाले भूकंप का नहीं होगा असर January 10, 2024