अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ महीने की शुरुआत हो गई है. आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) कहा जाता है. इसे हरिशयनी एकादशी और आषाढ़ी एकादशी भी कहते हैं. साल में पड़ने वाली 25 एकादशी में देवशयनी एकादशी का खासा महत्व है. इस बार 29 जून को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी. धार्मिक कथाओं के अनुसार, इस दिन से चार महीने तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा में रहते हैं.
इन चार महीने को चातुर्मास के नाम से भी जाना जाता है. भगवान विष्णु चार महीने तक योग निद्रा ने रहते हैं, लिहाजा चार महीने तक कोई भी मांगलिक और शुभ काम की मनाही होती है. काशी के विद्वान ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि देवशयनी एकादशी से प्रबोधनी एकादशी तक यानी इन चार महीनों तक शादी विवाद, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए.
जानिए कब से शुरू होगा एकादशी तिथि
ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज के मुताबिक, 29 जून की भोर में 3 बजकर 17 मिनट पर एकादशी तिथि की शुरुआत होगी, जो कि अगले दिन यानी 30 जून को भोर में 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगी. ऐसे में व्रत करने वाले श्रद्धालु 29 जून को ही हरिशयनी एकादशी का व्रत का रखेंगे और फिर अगले दिन इसका प्रारण होगा.
ऐसे करें व्रत की शुरुआत
स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि 29 जून को सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद पूरे दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें. इस दिन भगवान विष्णु को पीला वस्त्र, पीली मिठाई और हल्दी जरूर चढ़ाएं. इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद अपने भक्तों पर बना रहता है. (नोट-ये खबर धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र पर आधरित है. News 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : June 07, 2023, 16:23 IST
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