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नूरजहां, सुंदरजा, केसर या दशहरी…, जो चाहें वह आम खा सकते हैं, कल से शुरू हो रहा मैंगो फेस्टिवल

हाइलाइट्स

अलीराजपुर के नूरजहां और रीवा के सुंदरजा आम को लेकर उत्साह
रीवा के मशहूर सुंदरजा आम को इसी साल मिला है जीआई टैग
ढाई किलो तक के एक आम की कीमत होती है 1500 रुपए

भोपाल. आमों के मौसम में भोपाल में अनोखा उत्सव होने जा रहा है. राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) 8 जून से आमों की प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है. ‘अपनी वाड़ी’ परियोजना के तहत आम उत्पादक आदिवासी किसानों के प्रोत्साहन के लिए यहां आम महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. यह आम महोत्सव 12 जून तक चलेगा. नाबार्ड द्वारा पूरे राज्य में अपनी वाड़ी परियोजना के तहत उत्पादित आमों की विभिन्न किस्में जैसे सुंदरजा, केसर, चौसा, लंगड़ा एवं दशहरी आदि का प्रदर्शन होगा. प्रदर्शनी में पहुंचाने वाले लोग अपनी पसंद के आम खरीद भी सकेंगे.

आम महोत्सव में अलीराजपुर के नूरजहां आम और रीवा के सुंदरजा किस्म के आम को लेकर उत्साह है. सुंदरजा आम को इसी साल जीआई टैग भी मिला है. अलीराजपुर के काठीवाड़ा ब्लॉक का नूरजहां किस्म का एक आम एक से लेकर ढाई किलो वजन तक का होता है. यही वजह है कि इसकी कीमत किलो नहीं बल्कि प्रति नग के हिसाब से होती है. बीते साल एक आम की कीमत 1500 रुपए रही थी. गौरतलब है कि अलीराजपुर के काठीवाड़ा में नूरजहां आम के दो पेड़ हैं. आम की इस वैराइटी को दक्षिण भारत से लाया गया था.

मप्र में पाए जाते हैं ये आम
मध्य प्रदेश
में दशहरी, लंगड़ा, केसर, मल्लिका, आम्रपाली जैसे आमों की वैराइटी पाई जाती है. अलग-अलग क्षेत्र के किसान अपने उत्पाद लेकर आम महोत्सव में पहुंचते हैं.  छिंदवाड़ा, बालाघाट, नर्मदापुरम के केसर, लगड़ा, दशहरी, तोतापरी और मल्लिका आम पसंद किए जाते हैं.

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मध्य प्रदेश

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नाबार्ड ने 77 हजार परिवारों को पहुंचाया फायदा
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)  ने किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में 2003-04 में जनजातीय विकास कोष की स्थापना की. इस कोष के तहत नाबार्ड ने मध्यप्रदेश में अब तक 99 परियोजनाएं स्वीकृत की हैं जिससे 77000 से अधिक परिवारों को लाभ पहुंचा है. परियोजना के माध्यम से आदिवासी किसान अपने खेतों पर विभिन्न बागवानी, कृषि और कृषि वानिकी तकनीकों को अपनाकर आय बढ़ाने में सक्षम हुए हैं जिससे संबन्धित क्षेत्र में रोजगार के लिए होने वाले पलायन को रोकने में मदद मिली है.

Tags: Bhopal news, Mp news

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Author: traffictail

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