खबर वाहिनी न्यूज : पंजाब में हर महीने 300 यूनिट बिजली फ्री योजना को 1 साल लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे में पंजाब सरकार के ऊपर कर्ज बढ़ता ही जा रहा है । जाने किस पर क्या पड़ा है असर
एक साल में 3.32 लाख खपत 296 करोड़ यूनिट बढी । फ्री बिजली के लिए लोगों ने एक घर में दो-दो कनेक्शन ले लिए। जिससे पंजाब सरकार का कर्ज का बोझ बढ़ने लगा। पंजाब सरकार के मौके की कर्ज की बात करें। बिजली के बिल का 6625 करोड रुपए का बोझ बढ़ा है। पंजाब सरकार ने इलेक्शन नहीं यह मेन मुद्दा रखा था कि लोगों को फ्री बिजली यूनिट हम मुहैया कराएंगे।
ऐसे में पंजाब में घरेलू बिजली का 300 यूनिट मुफ्त योजना को 1 साल पूरा हो चुका है। इस योजना से पंजाब के लोग खुशी से झूम रहे हैं। क्योंकि राज्य सरकार 87% खपत कारों का बिजली बिल जीरो आ रहा है। 1 साल में रिकॉर्ड 3,32,655 नए कनेक्शन बढ़ गए हैं। कई लोगों ने इस योजना का और ज्यादा फायदा उठाने के लिए एक घर में दो-दो मीटर अलग-अलग सदस्यों के नाम पर लगा रखे हैं। अब कुल 77,46,972 घरेलू कनेक्शन हो गए हैं।
इससे पहले SC BC वह स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को ही 200 यूनिट बिजली खरीदी जाती थी। जिससे 16 करोड रुपए की सब्सिडी का बोझ पड़ता था। अब बात करें तो 300 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से सरकार को 6625 की ज्यादा सब्सिडी देनी पड़ रही है। क्योंकि पंजाब सरकार का बोझ बढ़ रहा है। अब 8225 करोड रुपए सब्सिडी में खर्च हो रहे हैं। वही इस योजना के बावजूद पंजाब में 1 साल में बिजली चोरी के 48% मामले बढ़े हैं । पावर कॉम के चेयरमैन बलदेव सिंह सरान ने जानकारी दी। कि 1 साल में घरेलू बिजली खपत 20% और ज्यादा बड़ी है। अगर पिछले साल की बात करें 2000- 21 – 22 की इसमें बिजली की खपत 1456 करोड़ यूनिट थी । जो 2022 में बढ़कर ₹1750 यूनिट हो गई है । इधर पावरकॉम के पंजाब सरकार ने 2022 और 23 की सब्सिडी अदा कर दी है। जो पिछली सरकार की ₹7200 सब्सिडी अभी और बकाया बताई जा रही है।
पावरकॉम पर असर : 1 साल में विभाग पर 890 करोड़ रुपए की देनदारी बढ़ी
पहले पावरकॉम घरेलू खपतकारों से करीब 5,500 करोड़ रुपए बिल के रूप में लेती थी। 300 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से पावरकॉम को अब यही रकम सरकार सब्सिडी के तौर पर दे रही है। सब्सिडी समय पर न मिलना बड़ी समस्या है। पावरकॉम पर करीब 18,714 करोड़ रुपए का कर्ज भी है। 2021-22 में कुल कर्ज 17,824 करोड़ रुपए था। 2022-23 में यह 18,714 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल में कुल 890 करोड़ रुपए का कर्ज बढ़ा है।
अब कई घरेलू खपतकार दो माह में 600 यूनिट से अधिक बिजली खपत को रोकने के लिए मीटर से छेड़खानी करके बिजली चोरी कर रहे हैं। पावरकॉम ने चेकिंग के दौरान ऐसे कई मामले पाए जिसमें फ्रीक्वेंसी सर्किट में छेड़छाड़ करके बिजली चोरी को अंजाम दिया गया था।
पावरकॉम की लैब जांच में खुलासा हुआ है कि ज्यादातर सूमार्ट मीटरों के खपतकार मीटरों की फ्रीक्वेंसी सर्किट से छेड़छाड़ कर रहे हैं। इस से मीटर की स्पीड 33 फीसद कम हो जाती है। जिस कारण बिजली बिल की खपत आधी हो जाती है।
पावरकॉम ने चेकिंग के दौरान यह भी पाया कि कई खपतकार स्मार्ट मीटर में पीछे से सुराख करके मीटर की रीडिंग को कम कर रहे हैं। रीडिंग दर्ज करने वाला सेंसर व चिप को खराब कर बिजली चोरी की जा रही है।