देश और विशेषकर हरियाणा मे राजनीति अपनी गिरावट के निम्न स्तर पर पहुंच गईं है जिसका सीधा सबूत नूह मे हिन्दू श्रदालुयों के साथ शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा और उसके बाद हुई आगजनी है जिसमे अभी तक दो पुलिस वालो सहित पांच लोगो की हत्या हो चुकी है, करोड़ो का नुकसान हुआ, साइबर सेल थाना नूह को जलाने के साथ सैकड़ो प्राइवेट वाहनों के साथ पुलिस के वाहनो को भी तहस नहस कर दिया गया है, निर्दोष हिन्दू श्रदालुयों पर हमला, साइबर सेल थाने को जलाने और पुलिस वालो की हत्या, उनके वाहनो से तोड़ फोड़ इस बात का साफ सबूत है की दंगाइयों ने एक पूर्वनियोजित साजिश के तहत पूरी तैयारी से इस घटना को अंजाम दिया है और इस हिंसा से दंगाइयों का मकसद साफ है की वे हर तरीके से दहशत फैलाना चाहते थे ।
दंगाइयों के आये वीडियो से साफ साबित हो रहा है की प्रथमादृष्टि ये घटना साइबर अपराध से जुड़े अपराधियों और राजनैतिक व्यक्तियों की मिली जुली साजिश दिखाई दे रही है जिनका मकसद एक तरह से सरकार और प्रशासन का विरोध करके उनमे दहशत फैलाना दिखाई दे रहा है तो दूसरे हिन्दू मुस्लिम के भाईचारे को खराब करके राजनैतिक स्वार्थ पूरे करना भी दिखाई दे रहा है क्योंकि जिस तरह से श्रदालुयों पर हथियारों से पूरी योजना से हमला किया गया और उसके बाद पुलिस और अन्य व्यक्तियों की हत्या, आगजनी साफ साबित कर रही है की इस घटना के पीछे मजबूत राजनेताओं का हाथ है जिनके इशारे पर ये हमला किया गया है क्योंकि पहले से जमा हथियार और हिन्दू श्रदालुयों द्वारा दंगाइयों को कोई जवाब ना देने के बाद भी एकतरफा की गईं हिंसा, आगजनी, लूटपाट, हत्या साफ सुथरी साजिश की तरफ इशारा कर रही है, हजारो लोगो द्वारा सामूहिक रूप से बिना किसी रंजिश के इस तरह साजिश के तहत हिंसा, आगजनी,हत्या करना आम जनता के बस की बात नहीं है बल्कि शक्तिशाली राजनैतिक व्यक्तियों और बड़े अपराधियों की साजिश का परिणाम साफ दिखाई दे रहा है ।
विपक्षी पार्टियों ने अपनी राजनैतिक रोटियां नूह हिंसा मे सेकनी शुरू कर दी है, ये सही है की इस घटना मे सरकार की गुप्तचर एजेंसी का फेल होना सरकार पर गंभीर सवाल उठा रहा है लेकिन इस हिंसा मे उन विपक्षी पार्टियों के नेताओं का हाथ भी स्पष्ट है जो मेवात मे देश के सबसे बड़े साइबर ऑनलाइन फ्रॉड से अपराध से लाखो लोगो के अरबो रूपये ठगने के साथ साथ दिन प्रतिदिन राजनैतिक मर्यादा को भूल कर किसी भी तरह सत्ता हासिल करने के लिये सरकार के प्रति जहर भर रहे है जो इस घटनाक्रम से साफ दिखाई दे रहा है क्योंकि जहाँ ये हिंसा हुई है वहाँ हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोग काफ़ी सालो से भाईचारे और शांति से रह रहे थे और इस तरह बड़े स्तर पर सुनियोजित तरीके से हिंसा ना हिन्दू समुदाय और ना ही मुस्लिम समुदाय की आम जनता और नागरिक कर सकते है ।
हरियाणा मे सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं की एक ऐसी लॉबी काम कर रही है जो हर तरीके को आजमा कर सत्ता हासिल करना चाहती है और नूह हिंसा के पीछे मुस्लिम तुस्टीकरण की नीति पर राजनीति करने वाली उस सत्ता लोलुप लॉबी के हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि वे नहीं चाहते की मुस्लिम वोटो मे सरकार से प्रभावित होने से कोई सेंधमारी हो, विपक्षी पार्टियों का देश मे गठबंधन अपनी खुद की पार्टियों के वोट एकजुट करने के लिये नहीं हुआ है बल्कि देश के मुस्लिम समुदाय के वोट बैंक को एकजुट करने के लिये हुआ है जो पहले देश की विभिन्न राजनैतिक पार्टियों मे बँट जाता था, इस कारण दिल्ली मे मोहर्रम, अब नूह की घटना साफ इशारा कर रही है की देश और हरियाणा मे 2024 तक शांति नहीं रहने वाली है बल्कि नूह हिंसा देश और हरियाणा मे धार्मिक और जातीय दंगो की शुरुआत है जिनके पीछे सत्ता लोलुप नेताओं का निश्चित रूप से हाथ है ।
इसलिए इस मामले मे सभी धर्मों और जातियो के लोगो को गंभीरता से चिंतन करने के बाद सोच समझकर वे कदम उठाने चाहिए जिससे देश और हरियाणा मे भाईचारा मजबूत हो और साम्प्रदायिक ताकतों की हार हो, सरकार को भी इस मामले मे विस्तृत जाँच करके साजिश को उजागर करके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए क्योंकि नूह हिंसा साफ सुथरा बड़े अपराधियों और सत्ता लोलुप राजनेताओं का षड्यंत्र है जिसे अभी उजागर नहीं किया गया तो 2024 तक देश और हरियाणा की जनता इन्ही दंगो मे जलती रहेगी
लेखक श्री संग्राम सिंह राणा, वरिष्ठ अधिवक्ता, सामाजिक और राजनीतिक चिंतक हैं । ऊपरोक्त लेखक के निजी विचार और विश्लेषण हैं ।