खबर वाहिनी न्यूज ब्यूरो (नरेन्द्र शर्मा)
नई दिल्ली : यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) के वार्ता समर्थक गुट ने शुक्रवार को केंद्र और असम सरकारों के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह हस्ताक्षर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में हुए। इस शांति समझौते में हिंसा छोड़ने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की बातें शामिल हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”मेरे लिए बहुत हर्ष का विषय है कि आज असम के भविष्य के लिए एक सुनहरा दिन है, लंबे समय से असम ने हिंसा को झेला है, पूरे नॉर्थ-ईस्ट ने हिंसा को झेला है, जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब से (2014 से) दिल्ली और नॉर्थ-ईस्ट की दूरी कम करने के प्रयास हुए, मन खोलकर, खुले हृदय से सभी के साथ बातचीत की शुरुआत हुई और उनके (पीएम मोदी) मार्गदर्शन में ही उग्रवाद मुक्त, हिंसा मुक्त और विवाद मुक्त नॉर्थ-ईस्ट की परिकल्पना लेकर गृह मंत्रालय चलता रहा।” आज शांति समझौते के साथ 700 कैडरों ने भी समर्पण किया है।
इस शांति समझौते से असम में लंबे समय से चले आ रहे विद्रोह का अंत होने की उम्मीद है। उल्फा या यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में सक्रिय एक प्रमुख आतंकवादी और उग्रवादी संगठन है। इसका गठन 1979 में परेश बरुआ, अरबिंद राजखोवा और अनूप चेतिया जैसे युवा नेताओं ने किया था। उल्फा का उद्देश्य असम को एक स्वतंत्र संप्रभु राज्य बनाना है।