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जींद (नरेन्द्र शर्मा) : हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मीडिया कोऑर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा है कि प्रदेश सरकार का लोकतंत्र में पूरा विश्वास है और विपक्ष सरकार के कार्यों में जिस प्रकार से अड़ंगा लगाने का काम कर रहा है वह कभी सफल नहीं हो सकता।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जूनियर इंजीनियर के 1259 पदों की भर्ती को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज करने और इस भर्ती को हरी झंडी देने के फैसले पर अशोक छाबड़ा ने कहा कि विपक्ष सरकार द्वारा की जा रही नियुक्तियों को अपने समर्थकों के माध्यम से रोकने का प्रयास कर रहा है लेकिन हाई कोर्ट में कुछ समय तो लग सकता है लेकिन सरकार की मंशा पर हाई कोर्ट की मोहर लगना विपक्ष के मुंह पर करारा तमाचा है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि रणविजय सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट कर चुका है कि यदि विशेषज्ञों पर कोई आरोप नहीं है तो अदालतों को उनकी राय को मंजूर करना चाहिए। साथ ही यदि किसी प्रश्न को लेकर विशेषज्ञों के बीच असमंजस की स्थिति है तो इसका लाभ आयोग को जाएगा न कि आवेदकों को। अदालतें हर विषय की विशेषज्ञ नहीं हो सकती हैं और ऐेसे में विशेषज्ञों की राय के साथ चलना सबसे बेहतर विकल्प है।
विपक्ष द्वारा सरकारी जांच एजेंसियों ईडी और सीबीआई पर सरकार के इशारे पर काम करने के आरोप के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी नेताओं ने इतने कांड कर रखे हैं कि पिछले 10 सालों में भी इनका निपटारा नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल में 2004 से लेकर 2007 तक गुरुग्राम के मानेसर में भूमि अधिग्रहण के नाम पर जो खेल खेला वह किसी से छिपा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा की हाईकोर्ट ने पूर्व की सरकारों के कार्यकाल के दौरान हुई भर्तियों को रद्द करने और वर्तमान सरकार के दौरान हुई भर्तियों को हरी झंडी देने का काम किया है जो इस बात का सूचक है की पूर्व की सरकारें भाई भतीजावाद में फंसकर योग्य युवाओं को दरकिनार करते हुए नौकरियां देने का काम करती थी जबकि वर्तमान सरकार ने बिना खर्ची और बिना पर्ची नौकरी देने का काम किया है।
मुख्यमंत्री के मीडिया कोऑर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने कहा कि सरकार ने पोर्टल लागू कर हर जगह से पैसे की लीकेज को बंद करने का काम किया है। उन्होंने माना कि जब कोई नया सिस्टम लागू किया जाता है तो उसमें लोगों को कुछ दिक्कतें आती हैं लेकिन बाद में लोगों को उसका केवल फायदा ही मिलता है।
परिवार पहचान पत्र प्रॉपर्टी आईडी आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के लोग इनके माध्यम से सरकार की विभिन्न योजनाओं से बिना कुछ किए सीधे जुड़ रहे हैं।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि एक और तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में किसानों की जमीन प्राइवेट बिल्डरों को बेचने के लिए नीति तैयार की जाती थी दूसरी ओर हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री ने अपने खुद का मकान ग्राम पंचायत को दान में दे दिया। इससे पहले भी मुख्यमंत्री अपने हिस्से की जमीन एक संस्था को दान कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यह नीति और नियत का फर्क है वर्तमान मुख्यमंत्री की नीति बहुत साफ है कि उन्हें कहीं से एक पैसे का लाभ नहीं चाहिए, जबकि पूर्व के मुख्यमंत्री ने अपना घर भरने के अलावा कभी प्रदेश के हित की बात को सोचा ही नहीं।