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देहरादून : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने का वादा कर, आम विधानसभा नाव जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार ने शुक्रवार को इस दिशा में महत्वपूर्ण दूसरा कदम बढ़ा दिया। यूसीसी की संस्तुतियों के लिए गठित सेवानिवृत न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने शुक्रवार को अपनी सिफारिशों का ड्राफ्ट धामी को सौंप दिया।
मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित एक सादा समारोह में श्रीमती देसाई ने समिति सदस्यों के साथ यह ड्राफ्ट धामी को सौंपा। समिति ने राज्य के प्रथम गांव माना के रहवासियों से इसे लागू करने के संदर्भ में दो वर्ष पहले राय ली। इसके बाद 42 अन्य क्षेत्रों में जाकर जनसुनवाई के माध्यम से यूसीसी लागू किए जाने के बारे में विचार जाने। अब यह ड्राफ्ट शनिवार को होने वाली मंत्रिमंडल बैठक में रखा जाएगा जिसमें समुचित विचारोपरांत, इसे आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। संभावना है कि पांच फरवरी से शुरू होने वाले सत्र में इसे प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लागू होने पर उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, जहां यह लागू होगा। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद महिलाओं के अधिकार बढ़ जाएंगे।
प्रदेश में बहु विवाह पर रोक लगेगी। अभी मुस्लिम समाज के पर्सनल लॉ के तहत चार विवाह की इजाजत मिली हुई है। इसके अलावा संपत्ति में अधिकार पर भी बड़ा फैसला हो सकता है। लड़के और लड़कियों का पैत्रिक संपत्ति में अधिकार मिलेगा। मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार मिलेगा। गोद लेने की प्रक्रिया सरल की जाएगी। लड़कियों को भी लड़कों के बराबर विरासत का अधिकार दिया जा सकता है। मुस्लिम समुदाय के भीतर इद्दत जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लग सकता है। वहीं, पति और पत्नी दोनों को तलाक की प्रक्रियाओं को लेकर समान अधिकार मिलेंगे।