आपकी आस्था ही आपका विश्वास हैं!
मूर्तिकार ने जब यह मूर्ति बनाई तब उसका स्वरूप उसे इस प्रकार का बिल्कुल नहीं लगा जैसे उसमें कोई ऊर्जा समाहित हो परंतु प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम का स्वरूप और निखार एकदम से अलग हो गया हमारे वेद मन्त्रों से निकलने वाली ऊर्जा बहुत ही सकारात्मक होती है जो की पत्थर में भी प्राण फूंक दे। यही सनातन धर्म की शक्ति है वह खुद इतना सकारात्मक है कि सभी को स्वीकार करते हुए स्वयं का अस्तित्व बनाए रखता हैं। परंतु आज प्रश्न यह उठता है कि हम जिस सनातन धर्म को मानते हैं उनके मंदिर प्रांगण में जहां हम प्रभु रूपी अपने ईष्ट को नमन करते हैं उन्हें पूजन करते हैं क्या वहां से हम उस ऊर्जा को अपने साथ बनाए रखते हैं।
लोग आज भी नशा करते हैं बड़ी मात्रा में पाप करते हैं फिर भी मंदिर जाते हैं परंतु क्या यह उचित है हम ऐसे द्वेष और बुराइयों के साथ मंदिर जाना आना जारी रखें ??? यदि हम मंदिर जाते हैं तो हमें भी वहां से सद्भाव लेकर आना चाहिए नशा जैसी बुराइयों को दूर करना चाहिए। यदि हम अनैतिक हैं और मंदिर जाकर भी हमारे अंदर बदलाव नहीं ला पा रहे तो हमारा मंदिर जाना व्यर्थ है । फिर तो मंदिर जाना हमारे लिए सिर्फ भीड़ बढ़ने के बराबर है ।यह एक ऐसा उद्देश्य हैं जिसमें हम मंदिर प्रांगण को भी पर्यटन स्थल की तरह वहां पर भीड़ बढ़ता देखकर आना पसंद करते हैं ।परंतु मंदिरों का सही उद्देश्य आपके अंदर उचित बदलाव और नैतिकता होना चाहिए।समस्त प्रकार की बुराइयों और द्वेष को दूर कर अच्छी सद्भावनाओं को अच्छी ऊर्जा का अपने अंदर वहन करना ही हमारे मंदिर स्थल पर जाने का कारण होना चाहिए।
भगवान की तो हम घर में भी पूजा करते हैं परंतु मंदिर में लगातार पूजा पाठ के चलते एक सकारात्मक ऊर्जा की स्थापना हो जाती है और इस सकारात्मक ऊर्जा को हम अपने अंदर ग्रहण कर अपने जीवन में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। कहने का अर्थ है यदि हम मंदिर जाकर भी अपने अंदर कोई बदलाव नहीं ला पा रहे लगातार पाप कर्म कर रहे हैं नशे की लत को अपना रहे हैं तो कहीं ना कहीं हम अनुशासन का उल्लंघन कर रहे हैं जिसकी इजाजत हमारा सनातन धर्म भी नहीं देता। हमें अपने इष्ट को प्राप्त करने और मंदिर प्रांगण में जाने के लिए खुद को भी बदलना होगा यदि हम सनातन धर्म को मानते हैं तो हमें हर प्रकार के नशे से दूर रहने की कोशिश करना चाहिए हमें नैतिक होना चाहिए।
आशी प्रतिभा (स्वतंत्र लेखिका)
मध्य प्रदेश, ग्वालियर, भारत