खबर वाहिनी न्यूज (राजबीर सिंह रोहिल्ला)
दिल्ली : लोकसभा चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी भाजपा ने बीते चुनाव में हारी 144 सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए हैं। बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब और आंध्रप्रदेश की कुछ सीटों को छोड़ कर पार्टी ने बाकी सीटों के लिए उम्मीदवारों का पैनल भी तैयार कर लिया है। विपक्षी गठबंधन पर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने के लिए पार्टी इसी महीने उम्मीदावारों की पहली सूची जारी कर सकती है। उम्मीवार तय करने के क्रम में पार्टी ने राज्यसभा से जुड़े 90% मंत्रियों की सीटें भी चिन्हित कर ली हैं।
राजधानी में 17 और 18 फरवरी को होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक के बाद हारी हुई और मंत्रियों के लिए चिन्हित सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। पार्टी सूत्र ने बताया कि दो को छोड़ कर राज्यसभा से जुड़े सभी मंत्रियों का चुनाव लड़ना तय है। आगामी चुनाव में पार्टी ने गुजरात, राजस्थान समेत दस राज्यों की सभी 82 सीटें जीती थीं।
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में पार्टी की जीत की दर 80 से नब्बे फीसदी थी। इस बार इन राज्यों में 30 से 40 फीसदी सांसदों के टिकट कटेंगे।
पीढ़ी परिवर्तन की तैयारी.
बीते चुनाव में पार्टी का 190 सीटों पर कांग्रेस से सीधा मुकाबला हुआ था। इनमें से पार्टी 175 सीटों पर जीती थी। पार्टी नहीं चाहती कि ऐसी सीटों पर सांसदों की अलोकप्रियता जीत में बाधक बने। फिर पार्टी नेतृत्व अनुकूल माहौल में संगठन ही नहीं संसद में भी पीढ़ी परिवर्तन को अमली जामा पहनाना चाहता है।
जहां खाता नहीं खुला वहां विशेष रणनीति
बीते चुनाव में तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश समेत 11 राज्य ऐसे थे जहां सभी 93 सीट पार्टी हार गई थी। इन राज्यों में विस्तार के लिए पार्टी ने राज्यवार कुछ सीटें चिह्नित की है। आंध्रप्रदेश में टीडीपी से गठबंधन की बातचीत अंतिम दौर में है। पार्टी ने सारी शक्ति झोंकने के लिए केरल की तीन, तमिलनाडु की आठ और मेघालय की एक सीट को चुना है। इन राज्यों में पार्टी नामचीन हस्तियों का सहारा लेगी।
महाराष्ट्र-बिहार में बढ़ेगा इंतजार…
बिहार में जदयू के राजग में आने के बाद पार्टी की निगाहें अब महाराष्ट्र पर है। पार्टी यहां भी बड़े सियासी खेल का इंतजार कर रही है। बिहार में जदयू के आने से और महाराष्ट्र में बड़े सियासी परिवर्तन की संभावना के कारण सीट बंटवारे के साथ कुछ सीटों पर उम्मीदवार या उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने में देरी हो रही है।