त्रेता युग में, सातवाँ विष्णुअवतार हे राम
चैत्र मास के नवमी में जन्म लिया हे राम
श्री राम ,जय राम, राघव राम, सीता राम
रघुकुल नंदन राम अपने राम पावन नाम
सूर्यवंशी, रघुकुल तिलक, अवधनाथ श्री राम
सौम्य, स्वभाव एवं रमणीय रूप श्री राम
श्री राम ,जय राम, राघव राम, सीता राम
रघुकुल नंदन राम अपने राम पावन नाम
राजा दशरथ एवं कौशल्या नंदन बोलो राम
भार्या सीते के मर्यादा पुरूषोत्तम बोलो राम
श्री राम, जय राम, राघव राम, सीता राम
रघुकुल नंदन राम अपने राम पावन नाम
लखन , भरत एवं शत्रुघ्न के अग्रज हो राम
हनुमान जी के ह्रदय में विराजमान हो राम
श्री राम , जय राम, राघव राम, सीता राम
रघुकुल नंदन राम अपने राम पावन नाम
सत्य एवं विजय का संकेत तुम शौर्य श्री राम
निज भाग्य खुल जाएगा केवल बोलो श्री राम
श्री राम , जय राम, राघव राम, सीता राम
रघुकुल नंदन राम अपने राम पावन नाम
आदर्श राजा, सुख पुरवासी,वरप्रद हे राम
प्रेम सम्मान ,दयालु सुन्दर आदि पुरुष हे राम
श्री राम , जय राम, राघव राम, सीता राम
रघुकुल नंदन राम अपने राम पावन नाम
कष्ट हरे, भवसागर पार करे महाभाग हरे राम
पापविनाश , सकलोद्धार ,पुण्योदय हरे राम
श्री राम , जय राम, राघव राम, सीता राम
रघुकुल नंदन राम अपने राम पावन नाम
राम नाम ही एक मीठा फल महाभुज हे राम
जो कोई खाए उसका आनंद उठाये हे राम
श्री राम, जय राम, राघव राम, सीता राम
रघुकुल नंदन राम अपने राम पावन नाम
रोम-रोम में मिले ,स्वांस स्वांस में मिले हो राम
अवधपुरी में दीप जले घर -घर में दीप जले,हो राम
शबरी के बेर में मिले , सबके दिल खिले हो राम
श्री राम, जय राम, राघव राम, सीता राम
रघुकुल नंदन राम अपने राम पावन नाम
श्री राम को कोटि-कोटि प्रणाम
खबर वाहिनी हेतु स्वरचित रचना
वर्षा,कुवैत